Thursday, April 9, 2009

कांच के बर्तन में अत्यधिक गर्म पानी डालने से बर्तन टूट क्यों जाता है ? (Why does the glass break if hot water is poured in it?)

जब कोई भी वस्तु गर्म की जाती है तो वो फैलती (thermal Expansion) है।
इसी प्रकार जब हम कांच (glass) के बर्तन (जैसे की गिलास) में अत्यधिक गर्म पानी डालते हैं तो उसकी अंदरूनी सतह गर्म होकर फैलती (expand) है। परन्तु बाहरी सतह जो गर्म पानी के संपर्क में नही होती, नही फ़ैल पाती।
इस कारण से कांच के बर्तन की अंदरूनी सतह और बाहरी सतह की लंबाई में अन्तर आ जाता है, और उस पर अत्यधिक खिंचाव पड़ता है। इस खिंचाव के कारण से कांच का बर्तन अत्यधिक गर्म पानी डालने पर टूट जाता है।



Wednesday, March 25, 2009

मटके में पानी ठंडा कैसे हो जाता है? (Why is water cold in an Earthen Pot?)

क्या आपने कभी गर्मी में मटके का ठंडा पानी पिया है? यदि हाँ तो आपने देखा होगा की भले ही मटका सीधे सूरज के नीचे रखा हो लेकिन उसका पानी हमेशा ठंडा होता है? ऐसा क्यों होता है?
मटका मिटटी का बना होता है और इस कारण से उसमे बहुत सारे बारीक छिद्र होते हैं। इन छिद्रों से पानी रिसता रहता है और मटके की सतह पर आता रहता है।



ये पानी मटके के पानी की गर्मी को अवशोषित करके जल-वाष्प में बदल जाता है। ये जल-वाष्प फ़िर मटके से उड़ जाती है और अपने साथ ये ऊष्मा (गर्मी) भी लेकर चली जाती है। इस कारण से मटके का पानी ठंडा हो जाता है।



Thursday, February 26, 2009

ठंडे बर्तन के बाहर पानी की बूँदें कैसे आती है? (Why does water form on the outside of cold glass?)

जब किसी बर्तन में हम ठंडी वस्तु (जैसे की बर्फ) डालते हैं तो उस बर्तन की दीवार बहुत ठंडी हो जाती है। जब ठंडे बर्तन की दीवार से वातावरण की जल-वाष्प (water-vapour) टकराती है तो ये जल वाष्प संघनित (condense)होकर पानी (जल) में बदल जाती है।


इस कारण से हमे ठंडे बर्तन के बाहर जल की बूँदें इकठ्ठा होकर दिखाई देती हैं।



Wednesday, February 25, 2009

क्या कोई ऐसी धातु है जो पानी के संपर्क से जल उठती है? (Is there a metal, which burns in contact with water?)

जी हाँ। सोडियम (Sodium) एक ऐसी धातु (metal) है जो की पानी के संपर्क में आते ही जल उठती है। ये धातु पानी से संपर्क में आने पर हाइड्रोजन (Hydrogen) गैस बनती है (जो की बहुत ही ज्वलनशील होती है) । इसके अतिरिक्त इस अभिक्रिया से बहुत ऊष्मा (गर्मी) भी उत्पन्न होती है। ये गर्मी सोडियम से निकलने वाली हाइड्रोजन गैस को जला देती है।
लेकिन याद रहे, पानी और सोडियम की ये क्रिया बहुत ही खतरनाक हो सकती है। क्योकि इससे निकलने वाली गर्मी पानी में विस्फ़ोट कर सकता है। इसलिए इस अभिक्रिया को आप बड़ों की अनुपस्थिति में करने की कोशिश न करें।




Thursday, February 19, 2009

आकाश में बिजली पहले चमकती है लेकिन उसकी आवाज देर में सुनाई देती है। क्यों? (Why there is a delay between lightning and thunder ?)

आकाश में जो बिजली चमकती है, वो हमसे काफ़ी दूर (1 KM से 20 KMs तक) होती है । जब आकाश में बिजली चमकती है तो उसका प्रकाश (रौशनी) हमे तुंरत दिखाई दे जाती है, क्योंकि प्रकाश की चाल तीन लाख किलोमीटर/ सेकंड होती है। लेकिन ध्वनि (आवाज) की चाल, प्रकाश की चाल की तुलना में बहुत कम (342 मीटर/ सेकंड) होती है। इसके कारण बिजली गिरने की आवाज हम तक पहुँचने में 3-4 सेकंड लग जाते हैं (यह मानकर की बिजली हम से 1 किलोमीटर दूर है, यदि बिजली और भी दूर है तो और भी अधिक समय लगेगा) । जबकि प्रकाश को पहुँचने में न के बराबर समय लगता है। अतः ये कहा जा सकता है की बिजली की चमक और आवाज के बीच जो समय लगता है, वो प्रकाश और ध्वनी की चाल में अन्तर होने की वजह से होता है।




आग पानी से कैसे बुझ जाती है ? (Why does water extinguish fire?)

आग को जलने के लिए दो चीजों की जरूरत होती है। पहली है Oxygen और दूसरी है सही तापमान (Ignition Temperature) । जब हम किसी जलती हुई वस्तु पर पानी डालते हैं, तब पानी उस वस्तु और वातावरण के बीच एक सतह बना लेता है, जिससे उस वस्तु को oxygen नही मिल पाती है और उसके जलने में मुश्किल आती है । दूसरी बात ये है की जलती हुई वस्तु का तापमान अचानक से कम हो जाता है (पानी जलती हुई वस्तु का ताप कम कर देता है ), जिससे वस्तु का तापमान Ignition Temperature से कम हो जाता है। इन दोनों कारणों से पानी जलती हुई आग को बुझा देता है।
लेकिन आप जानते हैं की जलती हुई पेट्रोल को पानी से बुझाना बहुत मुश्किल है। इसके लिए रेत का प्रयोग किया जाता है । इसके अतिरिक्त कभी भी बिजली से लगी हुई आग को पानी से बुझाने की कोशिश नही करनी चाहिए, क्योंकि उससे करंट लगने का खतरा होता है।
ध्यान रखें की पेट्रोल और विद्युत (बिजली के करंट) से लगी आग को पानी से बुझाने की कोशिश करेंये बहुत खतरनाक हो सकता है



Friday, February 13, 2009

क्या कोई ऐसा द्रव पदार्थ है, जिसपर लोहे की वस्तु तैर सकती है ? (Is there a liquid, on which an iron object can float?)

जी हाँ! पारा (Mercury: Hg) ऐसी धातु है, जो की द्रव अवस्था में पायी जाती है। और पारे का घनत्व लोहे से अधिक होता है।


अतः यदि आप पारे से भरे हुए बर्तन में लोहे की बनी वस्तु डालेंगे, तो लोहे की वस्तु पारे पर तैरेगी। वैसे ही जैसे की लकड़ी की नाव पानी पर आराम से तैरती है।
लेकिन ध्यान रखें की पारा जहरीला होता है इसलिए आप कभी भी पारे के साथ खेलें नहीं।